एक और एक दो बनाता है या ग्यारह ?
जिन्दगी में नफा ज्यादा या नुक्सान ?
एक स्वाभिमान दीखता है ,
पर वो स्वाभिमान कब अभिमान में बदल जाता है ,
पता ही नहीं चलता |
एक अच्छे आदमी की पहचान होती है उसके गुण ,
हमारे शास्त्रों में भी पांच सद्गुण माने गए है
…. दया, धर्मं, प्रेम, त्याग और क्षमा …
कोई आ जाता है जिन्दगी में,
ना जाने कहाँ से
जो “मुझे” बदल देता है
जो “मेरी” सोच को बदल देता है
जो प्यार से सब कुछ हसीं कर जाता है
जो सिखा जाता है की जिन्दगी में कुछ पाने के लिए
या कुछ करने के लिए एक विद्वान् होने की जरूरत नहीं
एक अच्छा इंसान होना जरूरी होता है |
जो की वो होता है….एक अच्छा इंसान !
कितना कठिन है इस जमाने में
एक सच्चा और अच्छा इंसान मिलना ……