Sapno ka Samundar

सपनो का समंदर है मेरा जीवन है बहता पानी

मैं नौका हु मेरे  राहगीर  की
किस्मत है मेरी मतवाली
मैं पुकार थी बेसुरे तालो की
पुकार रही है आज मुझे वो पहाडोवाली

सपनो का समंदर है मेरा जीवन है बहता पानी
नौका नयन झरोखा सब आँखों में मैं बानी बानी
मैं दुआ हु बन के करती सबकी रखवाली
मैं हूँ फिर भी सबसे अंजानी अंजानी

यूँ तो मेरा जीवन है सहल सुहागन सा
मैं रंग हु जो आज किसी और उमंग में ढल जाने वाली
कागज की सी है उम्र मेरी
किसी मैखाने में या दप्तर में
मैं हु आज यहाँ तो कल वहाँ मिलने वाली

चार आँख हु, लाख बात हु, सुर से भी सुरीला
न जाने मैं कौन सा राग हु
कभी इस गली तो कभी उस डगर
मैं मिलूं भी तो भी होती है हैरानी परेशानी

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