कहते हैं भिड़ की कोई आवाज़ नहीं होती कहते हैं ऊपरवाले की लाठी में भी आवाज़ नहीं होती ,
ये कैसी विडंबना है सच को दबा कर झूठ की पूजा हो रही है , और हम पर दबाव बनाया जा रहा है कि तुम भी पूजो झूठ को , वरना रहने लायक नहीं बचोगे |
ये भय का कैसा माहौल बनाकर राज-पाट चलाया जा रहा है कि हम सब जान कर भी सच से दूर , झूठ की गुत्थी में उलझे जा रहे हैं |
किताबों में पढ़े थे हमेशा अंत में सत्य की विजय होती है वह कैसा विजय होगा जिसमें लाखो लोग झूठ में पिसकर तबाह हो गए जिसमें नफ़रत सदियों जिंदा रही और मोहब्बत चंद दिनों में घुट गई |
ये जो गीता, कुरान, और बाइबिल के गुण गाने वाले लोग हैं इन्हें क्या ज्ञान प्राप्त हुआ ? क्या ये कभी प्यार-मोहब्बत के लिए आगे आएं ? क्या कभी इन्होंने नफ़रत के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई ? जब आवाज उठाई – सिर्फ कत्ले-आम किये, सब पाखंडी लोग हैं |
सच दिल से निकलता है सच हम सबको पता होता है अपने अहंकार की रक्षा करना बंद कर दे , सत्य आज़ाद होगा, विजयी होगा |
I want to express my sincere gratitude to all morally independent journalist & media that upholds the truth.
उम्मीद है, अगला साल सत्य का होगा, सद्भावना बढ़े, और हम सब बुद्धिमत्ता-सद्भाव की राह चलें |
Avinash is an educational toy designer. He is an electronics engineer. He likes writing. His hobbies include graphic designing, reading biographies, presentation design.
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