संगीत !!!!!
संगीत एक ऐसी चीज़ है जो मन में समां जाये तो मन को ऐसे पिघलाती है जैसे बर्फ का कोई गोला ज्वालामुखी में पिघल कर गायब हो गया हो | होते तो इसके सिर्फ सात सुर है पर अगर धुन छेड़ी जाये तो अनगिनत ही ऐसे धुन निकलते है जिससे सरगम कि कभी ना ख़तम होने वाली लड़ी बनाई जा सकती है | अब ये तो हम पर निर्भर करता है कि सरगम कि उन लड़ियों में से कौन सी लड़ी का भाग हमें पसंद आता है, कौन सा भाग हमारी जरुरत है और कौन सा भाग जीवन का पहलु | जैसी चुनेगे वैसी ही धुन बजेगी |
सुर को छेडा ना जाये तो नयी धुन नहीं बनती, तो इस बिना छोर वाली लड़ी में कभी कभी खुद भी अपने सुर छेड़ दिया करे, ये जिन्दगी और भी खुबसूरत हो जाएगी_ _ _ _